जुडिशल मजिस्ट्रेट के न्यायालय
हर जिले में (जो मेट्रोपोलिटन क्षेत्र नहीं है) कितने भी प्रथम श्रेणी अथवा द्वितीय श्रेणी के जुडिशल मजिस्ट्रेट हो सकते हैं, यह निर्णय राज्य सरकार, उच्च न्यायलय के साथ परामर्श में लेगी (सेक्शन 11)। इन दोनों के बीच तालमेल इसलिए जरुरी है क्यूंकि, जहाँ क्षेत्र और वित्तीय उपलब्धता सरकार बेहतर समझती है, वहीँ हर क्षेत्र में अदालत की पहुंच हो यह फैसला उच्च न्यायालय बेहतर कर सकता है। वहीँ इस सभी न्यायालयों में पद सँभालने वालों को यह शक्ति उच्च न्यायलय द्वारा दी जाती है, यानी उनकी नियुक्ति राज्य का उच्च न्यायालय करेगा - सेक्शन 11(2)।
यह नहीं सेक्शन 11 (3) में यह प्रावधान है कि उच्च न्यायालय किसी सिविल जज में यह शक्ति निहित कर सकता है कि वो प्रथम श्रेणी अथवा द्वितीय श्रेणी के जज के तौर पर कार्य करे।
हर जिले में (जो मेट्रोपोलिटन क्षेत्र नहीं है) कितने भी प्रथम श्रेणी अथवा द्वितीय श्रेणी के जुडिशल मजिस्ट्रेट हो सकते हैं, यह निर्णय राज्य सरकार, उच्च न्यायलय के साथ परामर्श में लेगी (सेक्शन 11)। इन दोनों के बीच तालमेल इसलिए जरुरी है क्यूंकि, जहाँ क्षेत्र और वित्तीय उपलब्धता सरकार बेहतर समझती है, वहीँ हर क्षेत्र में अदालत की पहुंच हो यह फैसला उच्च न्यायालय बेहतर कर सकता है। वहीँ इस सभी न्यायालयों में पद सँभालने वालों को यह शक्ति उच्च न्यायलय द्वारा दी जाती है, यानी उनकी नियुक्ति राज्य का उच्च न्यायालय करेगा - सेक्शन 11(2)।
यह नहीं सेक्शन 11 (3) में यह प्रावधान है कि उच्च न्यायालय किसी सिविल जज में यह शक्ति निहित कर सकता है कि वो प्रथम श्रेणी अथवा द्वितीय श्रेणी के जज के तौर पर कार्य करे।
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